Friday, October 29, 2021

शांता आप्टे

शांता आप्टे... 
फायर ब्रांड नायिका
★★★★★★★★
मराठी और  हिंदी फिल्म अभिनेत्री  अपने उग्र स्वभाव और विद्रोही प्रकृति के कारण  अपने जमाने में फायर ब्रांड  अभिनेत्री में मानी जाती थी.
शांता आप्टे का जन्म सन 1916 में पैदा हुआ था.
शांता आप्टे के पिता स्टेशन मास्टर थे.और संगीत की जानकारी रखते थे तो शांता ने भी बचपन से ही गायिका के रूप में ख्याति प्राप्त कर ली.. उस समय गणेश महोत्सव में शांता गाया करती थी.. उस वक्त मूक फिल्में बनती थी.. जब फिल्में बोलने लगी तो  फिल्म इन्डस्ट्री को    गायक अभिनेता अभिनेत्रीओं की  जरूरत महेसुस हुयी... 
शांता आप्टे सन 1932 से  1958  तक  फिल्मों में सक्रिय रही. शांता आप्टे ने मराठी में अपनी आत्मकथा लिखी हे.. हिंदी में इसका अर्थ है.. कया मुझे फिल्मों में काम  करना चाहिए...! 
शांता आप्टे को सबसे पहली फिल्म  श्याम सुंदर मिली.. 
इस फिल्म में शांता आप्टे ने राधा की भुमिका निभाई. फिल्म के नायक शाहु मोडक थे. आपको जानकर आश्चर्य होगा.. इस फिल्म में राधा के पति की भुमिका खुद शांता आप्टे के भाई बाबुराव ने निभाई थी..!!  बंबई में 25 सप्ताह  चलने वाली यह पहली बोलती फिल्म थी..! 
इस फिल्म में शांता आप्टे के अभिनय की बहुत आलोचना हुई.. शांता आप्टे को ओर फिल्मों के प्रस्ताव भी नहीं मिले.. शांता फिल्मों में नायिका नहीं गायिका बनना चाहती थी.. लेकिन प्रभात फिल्म कंपनी ने उसे  अभिनेत्री के तौर पर अनुबंधित कर   लिया और   शांता को   पहली फिल्म   मिली     अमृत मंथन(1934.)... इस फिल्म में शांता सह अभिनेत्री थी और  उसने नायक की बहन की भुमिका निभाई थी.. फिल्म  हिट हो गई..! ईस फिल्म ने बंबई में सिल्वर जुबिली मनाई..! शांता का अभिनय भी सराहा गया..
 बाद में शांता आप्टे ने  अमर जयोती(1936) रजपुरा रमणी. (1936)  दुनिया ना माने (1937) वहा.(1937) अपना घर (1942)  दुहाई (1943) वाल्मीकि  (1946) जमीन दार.. सुभद्रा भाग्य लक्ष्मी.. गोपाल कृष्ण  मोहब्बत  सावन  पनिहारी जैसी फिल्मों में काम किया.. शांता ने  फिल्म रजपुत रमणी में    विरांगना.. फिल्म वाहन में आदिवासी कन्या फिल्म गोपाल कृष्ण और श्याम सुंदर में राधा की भुमिका निभाई थी.  मंदिर   में अबला नहीं हु.. स्वयं सिद्धा.. शांता आप्टे की हिन्दी फ़िल्में हे.. 
वी. शांता राम की फिल्म दुनिया ना माने (1937)  में बनी थी.. इस फिल्म में शांता आप्टे ने  यादगार भुमिका निभाई थी.
फिल्म की कहानी कुछ एसी थी.. फिल्म की नायिका नीरा  (शांता आप्टे)  का विवाह  एक विधुर (केशवराव दाते)  से हो जाता हे.. यह एक बेमेल विवाह हे.. कयोकि विधुर को युवा बेटे और बेटीयाँ हे.. पिता के उम्र के पति को पाकर नीरा  भीतर से बहुत  दुखी हे  . परिस्थितियों से समझौता करने की बजाय पहले वह विद्रोह करती हे.. लेकिन बाद में अपने आप को उसी घर में रहने लायक बनाने की कोशिश करती हे.. अपने वृद्ध पति से शारीरिक संबंध जोडने की बजाय पति को अपनी भुल का एहसास कराने में नीरा सफल होती हे.. विधुर और वृद्ध पति को भी  अपनी गलती का अहेसास होता हे.. लेकिन अपने आप को कुछ करने से असहाय   पा कर  आत्महत्या कर के अपनी युवा पत्नी निरा के  पुर्न विवाह के लिए  रास्ता बना जाता हे..! 
फिल्म दुनिया ना माने में   वासंती  की भुमिका थी.. 
लाहौर में बनी फिल्म जमींदार के हिरो एस. डी. नारंग थे.
फिल्म अपना धर में शांता आप्टे ने एक आजाद खयालात की औरत की भुमिका निभाई थी जिसका विवाह  एक विधुर से होता हे.. और वह वनवासियों की सेवा के लिए पति का घर छोड़ देती है.. 
सन 1950 मैं कलकत्ता में बनी फिल्म स्वयं सिद्धा  शांता आप्टे की एक जबरदस्त हिट फिल्म थी.. पहले तो यह फिल्म खरीदने के लिए कोई वितरक तैयार भी नहीं हो रहे थे.. इस फिल्म में शांता आप्टे के साथ हिरा लाल और  अमरनाथ की भी भुमिका थी 
 सन 1964 में आइ माला सिंहा गुरु दत्त फिरोज खान अभिनीत फिल्म बहुरानी  फिल्म स्वयं सिद्धा की ही रिमेक थी.. 
शांता आप्टे अपने उग्र स्वभाव के कारण विवाद में रहती थी.
सुना है उस समय की एक  प्रख्यात फिल्म पत्रिका फिल्म इन्डिया में एक बार  शांता आप्टे के बारे में अनाप शनाप लिखा गया था तो शांता आप्टे छड़ी लेकर  उस मेगेजिन के संपादक  बाबुराम पटेल की  पिटाई करने पहोच गयी थी..! 
हिन्दू स्तानी फिल्मों  में सबसे पहला इन्गलिश गाना शांता आप्टे ने फिल्म दुनिया ना माने के लिए गाया था.. गाने के बोल कुछ ऐसे थे.. In the world broadfield of battle    ... 
शांता आप्टे   महाराष्ट़ीयन  ब़ाह्मण थी.
सुना हे शांता आप्टे  अभिनेत्री होते हुए भी कीसी पुरुष को  स्पर्स तक नहीं करने देती थी.. 
शांता आप्टे ने एक गुजराती फिल्म में भी काम किया था.. जिसका नाम याद नहीं आ रहा.
शांता आप्टे को शराब की लत लग  गयी थी.. उसका भाई  बाबुराम आप्टे  शांता के सभी पैसे हजम कर गया था..वह अकेलापन  महसूस करती थी. 25 फरबरी 1964 के रोज केन्सर की बिमारी से शांता आप्टे का देहांत हो गया.

प्रस्तुति 

साक्षी ■■
★★
गुरुबक्षणी निवास स्ट्रीट 5 
रविग्राम धर्मशाला के सामने तेलीबांधा रायपुर छतीसगढ़ 492006 
मोबाइल 8109224468

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