Saturday, November 6, 2021

संजीव कुमार

#संजीव_कुमार 
मूल नाम - हरीभाई जरीवाला 
जन्म - 9 जुलाई 1938
मृत्यु - 6 नवम्बर 1985 
एक हिंदी चित्रपट अभिनेता।
#जीवन_प्रवास
संजीव कुमार का जन्म सूरत में 9 जुलाई 1938 को जेठालाल जरीवाला के एक मध्यमवर्गीय गुजराती वैश्य बनिया परिवार में हुआ था। उनका जन्म का नाम हरिहर जरीवाला था किन्तु प्यार से सभी कुटुम्बी और सम्बन्धी उन्हें हरीभाई जरीवाला ही कहते थे। यद्यपि उनका पैतृक निवास सूरत में था परन्तु फ़िल्मजगत की चाह उन्हें मायानगरी मुंबई खींच लायी। यह शौक उन्हें बचपन से ही था।
फ़िल्मों में बतौर अभिनेता काम करने का सपना देखने वाले हरीभाई भारतीय फिल्म उद्योग में आकर संजीव कुमार हो गये। अपने जीवन के शुरूआती दौर में पहले वे रंगमंच से जुड़े परन्तु बाद में उन्होंने फ़िल्मालय के एक्टिंग स्कूल में दाखिला लिया। इसी दौरान वर्ष 1960 में उन्हें फ़िल्मालय बैनर की फ़िल्म हम हिन्दुस्तानी में एक छोटी सी भूमिका निभाने का मौका मिला। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक फ़िल्मों में अपने शानदार अभिनय से वे एक प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता बने।
संजीव कुमार ने विवाह नहीं किया परन्तु प्रेम कई बार किया था। उन्हें यह अन्धविश्वास था की इनके परिवार में बड़े पुत्र के 10 वर्ष का होने पर पिता की मृत्यु हो जाती है। इनके दादा, पिता और भाई सभी के साथ यह हो चुका था। संजीव कुमार ने अपने दिवंगत भाई के बेटे को गोद लिया और उसके दस वर्ष का होने पर उनकी मृत्यु हो गयी! संजीव कुमार लज़ीज भोजन के बहुत शौक़ीन थे।
बीस वर्ष की आयु में गरीब मध्यम वर्ग के इस युवा ने कभी भी छोटी भूमिकाओं से कोई परहेज नहीं किया। 'संघर्ष' फ़िल्म में दिलीप कुमार की बाँहों में दम तोड़ने का दृश्य इतना शानदार किया कि खुद दिलीप कुमार भी सकते में आ गये। स्टार कलाकार हो जाने के बावजूद भी उन्होंने कभी नखरे नहीं किये। उन्होने जया बच्चन के स्वसुर, प्रेमी, पिता और पति की भूमिकाएँ भी निभायीं। जब लेखक सलीम ख़ान ने इनसे त्रिशूल में अपने समकालीन अमिताभ बच्चन और शशि कपूर के पिता की भूमिका निभाने का आग्रह किया तो उन्होंने बेझिझक यह भूमिका स्वीकार कर ली और इतने शानदार ढँग से निभायी कि उन्हें ही केन्द्रीय करेक्टर मान लिया गया। हरीभाई ने बीस वर्ष की आयु में एक वृद्ध आदमी का ऐसा जीवन्त अभिनय किया था कि उसे देखकर पृथ्वीराज कपूर भी दंग रह गये।

संजीव कुमार ने अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत 1960 में हम हिन्दुस्तानी फ़िल्म में मात्र दो मिनट की छोटी-सी भूमिका से की। वर्ष 1962 में राजश्री प्रोडक्शन की आरती के लिए उन्होंने स्क्रीन टेस्ट दिया जिसमें वह पास नहीं हो सके। इसके बाद उन्हें कई बी-ग्रेड फ़िल्में मिली। इन महत्वहीन फ़िल्मों के बावजूद अपने अभिनय के जरिये उन्होंने सबका ध्यान आकर्षित किया। सर्वप्रथम मुख्य अभिनेता के रूप में संजीव कुमार को वर्ष 1965 में प्रदर्शित फ़िल्म निशान में काम करने का मौका मिला। वर्ष 1960 से वर्ष 1968 तक संजीव कुमार फ़िल्म इण्डस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिये संघर्ष करते रहे। फ़िल्म हम हिन्दुस्तानी के बाद उन्हें जो भी भूमिका मिली वह उसे स्वीकार करते चले गये। इस बीच उन्होंने स्मगलर, पति-पत्नी, हुस्न और इश्क, बादल, नौनिहाल और गुनहगार जैसी कई फ़िल्मों में अभिनय किया लेकिन इनमें से कोई भी फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुई।
वर्ष 1968 में प्रदर्शित फ़िल्म शिकार में वह पुलिस ऑफिसर की भूमिका में दिखायी दिये। यह फ़िल्म पूरी तरह अभिनेता धर्मेन्द्र पर केन्द्रित थी फिर भी संजीव कुमार धर्मेन्द्र जैसे अभिनेता की उपस्थिति में भी अपने अभिनय की छाप छोड़ने में कामयाब रहे। इस फ़िल्म में उनके दमदार अभिनय के लिये उन्हें सहायक अभिनेता का फ़िल्मफेयर अवार्ड भी मिला।
वर्ष 1968 में प्रदर्शित फ़िल्म संघर्ष में उनके सामने हिन्दी फ़िल्म जगत के अभिनय सम्राट दिलीप कुमार थे लेकिन संजीव कुमार ने अपनी छोटी-सी भूमिका के बावजूद दर्शकों की वाहवाही लूट ली। इसके बाद आशीर्वाद, राजा और रंक, सत्यकाम और अनोखी रात जैसी फ़िल्मों में मिली कामयाबी से संजीव कुमार दर्शकों के बीच अपने अभिनय की धाक जमाते हुए ऐसी स्थिति में पहुँच गये जहाँ वे फ़िल्म में अपनी भूमिका स्वयं चुन सकते थे। वर्ष 1970 में प्रदर्शित फ़िल्म खिलौना की जबर्दस्त कामयाबी के बाद संजीव कुमार ने बतौर अभिनेता अपनी अलग पहचान बना ली। वर्ष 1970 में ही प्रदर्शित फ़िल्म दस्तक में उनके लाजवाब अभिनय के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 1972 में प्रदर्शित फ़िल्म कोशिश में उनके अभिनय का नया आयाम दर्शकों को देखने को मिला। फ़िल्म कोशिश में गूँगे की भूमिका निभाना किसी भी अभिनेता के लिये बहुत बड़ी चुनौती थी। बगैर संवाद बोले सिर्फ आँखों और चेहरे के भाव से दर्शकों को सब कुछ बता देना संजीव कुमार की अभिनय प्रतिभा का ऐसा उदाहरण था जिसे शायद ही कोई अभिनेता दोहरा पाये। इन्होंने दिलीप कुमार के साथ संघर्ष में काम किया। फ़िल्म खिलौना ने इन्हें स्टार का दर्जा दिलाया। इसके बाद इनकी हिट फ़िल्म सीता और गीता और मनचली प्रदर्शित हुईं। 70 के दशक में उन्होने गुलज़ार जैसे दिग्दर्शक के साथ काम किया। उन्होने गुलज़ार के साथ कुल 9 फ़िल्में कीं जिनमे आंधी (1975), मौसम (1975), अंगूर (1982), नमकीन (1982) प्रमुख है। इनके कुछ प्रशंसक इन फ़िल्मों को इनकी सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मो में से मानते हैं। फ़िल्म शोले (1975) में उनके द्वारा अभिनीत पात्र ठाकुर आज भी लोगों के दिलों में ज़िन्दा है। जो मिमिक्री कलाकारों के लिये एक मसाला है। संजीव कुमार के दौर में राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, शम्मी कपूर, दिलीप कुमार जैसे अभिनेता छाये हुए थे, फिर भी अपने सशक्त अभिनय से उन सबके बीच काम करते हुए उन्होंने फ़िल्मजगत में अपना स्थान बनाया।

#नामांकन_और_पुरस्कार

1977 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - अर्जुन पंडित

1976 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार - आँधी

फ़िल्म दस्तक और कोशिश के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित

पुण्यतिथी अवसर विनम्र अभिवादन🙏🌹

"गब्बर से कह देना कि रामगढ़वालों ने पागल कुत्तों के सामने रोटी डालना बंद कर दिया है…!" 
ऐसे ही कुछ दमदार और यादगार डायलॉग्स ने दर्शकों की खूब तालियां और सीटियां बटोरीं। 
हम बात कर रहे हैं बहुमुखी प्रतिभा के धनी अभिनेता संजीव कुमार के बारे में। हरिहर जेठालाल जरीवाला नाम से पैदा हुए संजीव कुमार ने अपने पूरे फिल्मी सफर में दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। उन्होंने हिंदी सिनेमा को अर्जुन पंडित, शोले, आंधी, त्रिशूल, दस्तक जैसी और भी कई फिल्मों के रूप में नायाब तोहफे दिए। रोमांस हो, ड्रामा हो या कॉमेडी हो, कुमार अपने आप को किरदार में ढालना बखूबी जानते थे। अपने बाकमाल अभिनय के दम पर उन्होंने दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और तीन फिल्मफेयर अवॉर्ड जीते। 
'अंगूर' फिल्म में उनका डबल रोल, हिंदी सिनेमा में अब तक के 25 बेस्ट एक्टिंग परफॉर्मेंस में से एक है। 
आज उनकी 36वीं पुण्यतिथि है, आइये अपनी श्रद्धांजलि उनकी बेहतरीन फिल्मों के नाम लिखकर अर्पित करें 🙏💐🙏
आज 6 नवम्बर को *बॉलीवुड के सब के चहेते,नैसर्गिक अभिनय के लिए मशहूर,उम्दा बेहतरीन अदाकार, दिवंगत संजीव कुमार जी* की पुण्यतिथि पर शत शत नमन के साथ विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते है।

                इस अवसर पे उनकी फिल्मों से रफ़ी साहब के गाये हुए सदाबहार नग़मों की सूची पेश है।

*रफ़ी-संजीव कुमार के सदाबहार नग़मे*
*संकलनकर्ता-संतोष कुमार मस्के*

१)- *हाये तबस्सुम तेरा,धूप खिल गयी रात में,या बिजली गिरी बरसात में-निशान* 
२)- *बनाये जा बिगाड़े जा,बिगाड़े जा बनाये जा,के हम तेरे चिराग़ है जलाए जा बुझाए जा-अलीबाबा और 40 चोर* 
३)- *हम जहाँ है वो मक़ाम,हुस्न है इश्क़ है-हुस्न और इश्क़,में साथ सुमन*
४)- *जिनकी तस्वीर निग़ाहों में लिए फिरता हूँ,वो ये कहते है आवारा है दीवाना है-हुस्न और इश्क़* 
५)- *मेरी राहों का मतलब है तू-स्मगलर,में साथ लता*
६)- *खुली वादियों का सफ़र है,हसीं मंजिलों पे नज़र है-आएगा आनेवाला* 
७)- *मेरी आवाज़ सुनो,प्यार का राग सुनो-नौनिहाल* 
८)- *तुम्हारी ज़ुल्फ़ के साये में शाम कर दूँगा-नौनिहाल* 
९)- *मिले न फूल तो काँटों से मोहब्बत कर ली-अनोखी रात* 
१०)- *दिल मेरा तुम्हारी अदाएं ले गयी-गौरी* 
११)- *लोग तो मर कर जलते होंगे,मैं जीते जी जलता हूँ-गौरी* 
१२)- *मैं अकेला जा रहा था,क्या खबर थी मेरे पीछे है ग़मो का कारवाँ-गौरी* 
१३)- *सँग बसंती,अंग बसंती,रँग बसंती आ गया, मस्ताना मौसम आ गया-राजा और रँक* 
१४)- *ओ फ़िरकी वाली,तू कल फिर आना,नहीं फिर जाना,तू अपने मकान से-राजा और रँक* 
१५)- *धरती कहे,पुकार के-धरती कहे पुकार के* 
१६)- *ख़ुद तो बदनाम हुए,हमको भी बदनाम किया-चंदा और बिजली*
१७)- *ऐ दोस्त मैंने नई नई दुनिया देखी है,यहाँ अच्छा बुरा कौन ये पहचानना मुश्किल-सच्चाई,में साथ मन्नाडे*
१८)- *मेरे गुनाह माफ़ कर,मेरा ज़मीर साफ कर-सच्चाई* 
१९)- *सौ बरस की जिंदगी से अच्छे है,प्यार के दो चार दिन-सच्चाई,में साथ आशा*
२०)- *कबसे धरी है सामने बोतल शराब की-सच्चाई,में साथ आशा*
२१)- *आया रे खिलौने वाला खेल खिलौने लेके आया रे,आया रे-बचपन* 
२२)- *तुमसे कहूँ इक बात,परों से हल्की हल्की,हल्की हल्की-दस्तक* 
२३)- *शादी के लिए रज़ामंद कर ली,रज़ामंद कर ली,मैंने इक लड़की पसंद कर ली-देवी* 
२४)- *क्या झूठा लगता है क्या सच्चा लगता है-देवी,में साथ लता*
२५)- *तेरी हसीं निग़ाह का,एहसान मन्द हूँ-देवी,में साथ लता*
----- *संतोष कुमार मस्के-संकलन से* ----- 
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भाग-2
*रफ़ी-संजीव कुमार के सदाबहार नग़मे*
*संकलनकर्ता-संतोष कुमार मस्के*

२६)- *खिलौना जानकर तुम तो,मेरा दिल तोड़ जाते हो-खिलौना* 
२७)- *तेरी शादी पे दूँ तुझको तोहफ़ा मैं क्या,पेश करता हूँ दिल एक टूटा हुआ,खुश रहे तू सदा,ये दुआं है मेरी-खिलौना* 
२८)- *मैं शराबी नहीं,हाँ मैं शराबी नहीं,आँखों से पीने में कोई ख़राबी नहीं-खिलौना,में साथ आशा*
२९)- *मेरे बाबा,नन्हें बाबा रे,सोजा मेरे बाबा रे-कोशिश* 
३०)- *माँ है मोहब्बत का नाम,माँ को हजारों सलाम-माँ का आँचल* 
३१)- *जला दो जला दो जला दो,दुनिया यही दुनिया है तो दुनिया को जला दो-रिवाज़,में साथ मन्नाडे*
३२)- *ओ जाने-जाँ चली कहाँ,कैसी नरगिसी है कैसे,जाओ हटो लो रास्ता हमसे, तुमसे क्या वास्ता-गुस्ताख़ी माफ़,में साथ आशा*
३३)- *शायर तो नहीं हूँ लेकिन शायर की नज़र पाई है-इंसाफ़ का मंदिर* 
३४)- *हँस दो ना,मोहब्बत हो तुम-गुनाह और क़ानून* 
३५)- *ऐसा तो कभी मुमकिन ही नहीं-गुनाह और क़ानून* 
३६)- *ओ डार्लिंग आई लव यू,ओ नो आई हेट यू-कँगन,में साथ उषा खन्ना*
३७)- *पँक्चर ये दुनिया मोटर गाड़ी है,कोई चले न जंतर मंतर-कँगन* 
३८)- *मेरी बीवी जहाँ से निराली है-सुबहो-शाम*  
३९)- *माँगे कोई लॉटरी,कोई जैकपॉट,अपनी भी क़िस्मत की नाँव किसी घाट लगे-रिवाज़* 
४०)- *तुझमे हूँ मै,मुझ में है तू,फूलों में बसी है जैसे ख़ुशबू-रिवाज़,में साथ आशा*
४१)- *तू इस पार,मैं उस पार,क्या आपकी तस्वीर है-साथ लता*
४२)- *दो चाहनेवालों की मुलाक़ात है वल्ला-लेडीज टेलर,में साथ लता*
४३)- *मेरे मेहबूब तुम हो,तुम्ही हो-लेडीज़ टेलर,में साथ आशा*
४४)- *अब ये जाना के इसे कहते है आना दिल का,हम हसीं खेल समझते थे लगाना दिल का-लेडीज़ टेलर,में साथ कविता कृष्णमूर्ति*
४५)- *अज़ीब जिंदगी है ये कभी ख़ुशी कभी ग़म-दूर नहीं मंज़िल* 
४६)- *सो जा सनम तेरी जवाँ पलकों तले नींदे सजा दूँ मैं-रॉकी मेरा नाम*  
४७)- *दिल कभी तुमने दिया था-रॉकी मेरा नाम* 
४८)- *जाने किस रूप की जादू भरी परछाई हो,लोग तो लोग राहें अपने से शरमाई है-अर्चना* 
४९)- *एक लड़की भोली भाली सी,के जिसका नाम है राधा,कि जिसका रूप है सादा, कुछ शरमा के,कुछ घबराके-चौकीदार* 
५०)- *ये दुनिया नहीं जागीर किसी की,राजा हो या रँक यहाँ तो सब ही चौकीदार, कुछ तो आके चले गए कुछ जाने को तैयार,ख़बरदार ख़बरदार-चौकीदार* 
-----  *संतोष कुमार मस्के-संकलन से* ----- 
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भाग-3
*रफ़ी-संजीव कुमार के सदाबहार नग़मे*
*संकलनकर्ता-संतोष कुमार मस्के*

५१)- *जिंदगी,जिंदगी,छोटी हो या लंबी हो-चौकीदार,में  साथ मुकेश व आशा*
५२)- *मैं वही वही बात,मेरे लिए तो हर दिन नया दिन हर रात नई रात-नया दिन नई रात* 
५३)- *मैं ऐसा एक खिलौना,घूम जाऊँ,घूम जाऊँ किधर भी,मुड़ जाऊँ पर नहीं गिरने का-शानदार* 
५४)- *छड़ी रे छड़ी कैसी गले मे पड़ी-मौसम,में साथ लता*
५५)- *भोला भाला चेहरा है,दिल बेईमान है-उलझन,में साथ आशा*
५६)- *अँखियों से तुमने निंदिया लूटी-अँगारे* 
५७)- *लड़की गाड़ी को ले गई,देखो मेरा दिल-अँगारे,में साथ आशा*
५८)- *धरम ईमान बदल जाते है,इंसान बदल जाते है,इस देश का सोचो क्या होगा,भई क्या होगा-अपने दुश्मन* 
५९)- *इस दिल मे रह चुके है वो ईमान की तरह-दो लड़कियां* 
६०)- *बिजुरिया चमके जमुना पार,मन छुपाये,शरमाये, घबराए,हाये हाये चली जाए गोरी,प्रीतम के द्वार-दो लड़कियां,में साथ लता*
६१)- *मेरा तुम्हारा साथ तो,सदियों का साथ है,अब तक गले न मिल सके,ये और बात है-एक पहेली,में साथ सुमन कल्याणपुर*
६२)- *गुलशन गुलशन प्यार की बातें है,महफ़िल में हसीं चाँदनी रातें है-दो लड़कियां,में साथ लता*
६३)- *आदमी मुसाफ़िर है,आता है जाता है-अपनापन,में  साथ लता*
६४)- *प्यार है इक निशान कदमों का,जो मुसाफ़िर के बाद रहता है,भूल जाते है लोग सब लेकिन कुछ न कुछ फिर भी याद रहता है-मुक्ति* 
६५)- *जुड़े में कजरा मत डालो,मेरा गीत महक जाएगा-धूप छाँव* 
६६)- *सबसे कहते है,हो जट्टा आई बैसाखी, हो जट्टा आई बैसाखी-ईमान धरम,में साथ मुकेश*
६७)- *धीरे चल ज़रा ओ पागल पुरवैया,काहे शोर मचाये-हम पाँच* 
६८)- *और क्या कहिये भगवान से,ये दोनों डरते है शैतान से-हम पाँच*  
६९)- *ये सोए इंसान जाग उठे,बनकर लहराके नाग उठे,अब इनके कदम रुक सकते नहीं-हम पाँच* 
७०)- *अपनों से मुँह मोड़के,अपने मन को तोड़के,ओ कौन से देश चले भैया,ये घर ये गाँव छोड़ के-हम पाँच* 
७१)- *मेरा प्यार जवाँ दिलदार जवाँ,और मौसम भी है दीवाना-दिल और पत्थर* 
७२)- *कैसा ये नसीब तेरा कैसा ये सवाल है-पापी* 
७३)- *दुनिया इक अदालत है,जिसमे सबका मुक़दमा चलता है,हम झूठ बोलते है मानते है,लोग झूठ बोलते है मानते नहीं-ईमान धरम,में साथ मुकेश*
७४)- *जब एक क़ज़ा से गुज़रते हो,एक और क़ज़ा मिल जाती है,मरने की घड़ी मिलती है अगर जीने की सज़ा मिल जाती है-देवता* 
७५)- *तेरे चेहरे से पर्दा हटाना भी है,वार तेरी नज़र का बचाना भी है-मुक़द्दर,में साथ किशोर*
-----  *संतोष कुमार मस्के-संकलन से* ----- 
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भाग-4
*रफ़ी-संजीव कुमार के सदाबहार नग़मे*
*संकलनकर्ता-संतोष कुमार मस्के*

७६)- *सूरज से आँखे मिला,तारों को धरती पे ला,ये धरती तेरी है ये सपने तेरे है और सब अपने तेरे है,तू मेहनत की जलती मशालें जला,सदियों से सोया मुक़द्दर जगा-मुक़द्दर,में साथ उषा मंगेश्कर व आशा*
७७)- *आग है लगी हुई,हर तरफ यहाँ वहाँ, जल रही है ये जमीं जल रहा है आसमाँ-स्वर्ग नरक* 
७८)- *मन मे बसी जो मूरत,कभी अंत न नज़र आये, मंदिर मंदिर भटकाए-घर की लाज* 
७९)- *चलो रे डोली उठाओ कहार,पियाँ मिलन की रुत आई-जानी दुश्मन* 
८०)- *तेरे हाथों में पहनाके चुडिया कि मौज बंजारा ले गया-जानी दुश्मन,में साथ आशा*
८१)- *ये गीत कौन मेरे मन मधुबन में गा रहा-मान अपमान,में साथ अनुराधा पौड़वाल*
८२)- *देखी हज़ारों महफ़िलें पर ये फ़िजा कुछ और है-नौकर,में साथ आशा*
८३)- *तक़दीर की कलम से,कोई भी न बच पाएगा, पेशानी पे जो लिखा है,वो पेश आएगा-बेरहम* 
८४)- *आज सोचा है ख़यालों में बुलाकर तुमको-चेहरे पे चेहरा,में साथ सुलक्षणा पंडित*
८५)- *मुझे छू रही है तेरी गर्म साँसे-स्वयंवर,में साथ लता*
८६)- *इक महलमा छम छम करती,रहती दुई शहज़ादी-स्वयंवर,में साथ किशोर*
८७)- *मैंने पूछा चाँद से-अब्दुल्ला* 
८८)- *तुम्हारे प्यार में हम बेक़रार होके चले-शिकार* 
८९)- *जब दिल से दिल टकराता है-संघर्ष* 
९०)- *इश्क़ दीवाना हुस्न भी घायल-संघर्ष* 
९१)- *पैसे का खेल निराला,सोने का ये नाती, चाँदी का ये साथी-बीवी ओ बीवी*
९२)- *तू है कहाँ तेरी परछाइयाँ,मेरी राहों में है,आज तन्हाईयाँ मेरी बाहों में है,पर तू है कहाँ, तू है कहाँ -लोग क्या कहेंगे*  
९३)- *बातों में ना टालों जी,दिल मेरा लो जी-काँच की दीवार,में साथ आशा*
९४)- *जवानी का गुज़रा ज़माना,मुझे याद आने लगा है-वक्त की दीवार,में साथ मन्नाडे व आशा*
९५)- *अपनी कमाई प्यार की,ना कर्ज़ा न हुंडी,सीधा सादा मुझको समझो या कहो पाखंडी-पाखंडी* 
९६)- *जाने तमन्ना अलविदा,हुस्न की दुनिया अलविदा, अल्लाह तेरे साथ है,मौला तेरे साथ है-लव एंड गॉड* 
९७)- *ये नादानों की दुनिया है-लव एंड गॉड* 
९८)- *तसव्वुर तेरा इबादत है-लव एंड गॉड* 
९९)- *इधर ढूँढता हूँ उधर ढूँढता हूँ,मोहब्बत ख़ुदा है-लव एंड गॉड* 
१००)- *रहेगा जहाँ में तेरा नाम-लव एंड गॉड,में साथ तलत,मन्नाडे,मुकेश व बलबीर*
१०१)- *गुलशन गुलशन सेहरा सेहरा,बरसे जल्वे तेरे,अल्ला अल्ला-लव एंड गॉड* 
----- *संतोष कुमार मस्के-संकलन से* -----
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