Saturday, November 6, 2021

पृथ्वीराज कपूर अकबर के रूप में

फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ एक ऐसी फिल्म है जिसने हिंदी सिनेमा पर अपनी एक अलग छाप छोड़ी। आज तक इस फिल्म की जैसी आइकॉनिक फिल्म नहीं बन पाई है। इस फिल्म में पृथ्वीराज कपूर ने अकबर का किदार निभाया था। अपनी इस फिल्म के प्रति पृथ्वीराज कपूर इतना समर्पित थे कि उन्हें खाने पीने का वक्त नहीं रहता था। पृथ्वीराज कपूर अपने फिल्मी कैरेक्टर में इस कदर घुस जाया करते थे कि वह खुद को भूल जाया करते थे।

इस बारे में शम्मी कपूर ने एक इंटरव्यू में बताया था। शम्मी कपूर ने बताया था कि वह फिल्म मुगल-ए-आजम के सेट पर जाते रहते थे। वह सेट पर पिता के काम करने के अंदाज को देखा करते थे। शम्मी कपूर ने बताया था कि पृथ्वीराज कपूर को जब इंस्ट्रक्शन मिलते थे कि उनका शॉट रेडी है तो वह मेकअप रूम की तरफ जाते हुए कहते थे- ‘पृथ्वीराज कपूर जा रहे हैं..।’ वहीं जब वह अकबर के गेट अप में मेकअप रूम से तैयार होकर निकलते थे तो वह कहते हुए आते थे- ‘मुगल-ए-आजम आ रहे हैं..।’

 शम्मी कपूर ने  बताया था- ‘एक बार फिल्म मुगल-ए-आजम के एक सीन को करते हुए पिताजी चप्पल पहनना भूल गए थे और चिलचिल करती धूप में रेतीले मैदान की तरफ चल पड़े थे।’

शम्मी कपूर ने बताया था- ‘मेरे पिता कैरेक्टर की स्किन में घुस जाया करते थे। वह सेट पर होते थे तो एक हाथ में चाय का कप होता था, सिप लेते हुए वह दूसरे हाथ से सिगरेट पिया करते थे। आम कपड़े पहन कर वह एक खास अंदाज में रहते थे। जैसे ही आसिफ साहब बोलते थे कि आप शॉट के लिए तैयार हो जाइए, सब रेडी है तो वे मेकअप रूम की तरफ चल पड़ते थे औऱ कहते थे- ‘पृथ्वीराज कपूर अब जा रहे हैं।’ जब वे तैयार होकर वापस आते तो कहते थे- ‘अकबर अब आ रहे हैं।’

उन्होंने आगे बताया था- राजस्थान की भयंकर गर्मी में इस फिल्म की शूटिंग हो रही थी। फिल्म का ओपनिंग सीन था जिसमें अकबर पैदल नंगे पांव चलकर मन्नत मांगने के लिए दरगाह पर जाता है। तो ये शॉट उन्हें देना था। जब वे शॉट के लिए तैयार हुए तो देखा कि चिलचिलाती धूप की वजह से रेगिस्तान की रेत बहुत ज्यादा गर्म है। बावजूद इसके उन्होंने वह शॉट नंगे पांव दिया। 

शम्मी कपूर ने बताया कि उन्होंने जरा भी कॉमप्रोमाइज नहीं किया। दरअसल, इस सीन में अकबर बेटे की मुराद लेकर नंगे पांव अजमेर शरीफ की तरफ जाता है। इस सीन को उन्होंने खुद किया था। फिल्म में एक युद्ध का सीन था जिसमें उन्हें लोहे की शील्ड पहननी थी, जो कि बहुत ज्यादा भारी थी। फिर भी उन्होंने उस भारी लोहे को अपने सीने और कंधों पर पहना और फिर शॉट दिया।

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