Friday, November 12, 2021

ओम प्रकाश 19 दिसम्बर b

अभिनेता ओम प्रकाश का जन्म 19 दिसंबर, 1919 को विभाजन से पहले भारत के लाहौर (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनका पूरा नाम ओम प्रकाश छिब्बर था। ओमप्रकाश के पिता एक अमीर किसान हुआ करते थे, जिनकी कई एकड़ जमीनें थीं और उनकी देखरेख वो खुद ही करते थे। लाहौर और जम्मू जैसे क्षेत्र में उस दौर में उनके कई बड़े बंगले भी थे। लेकिन ओम को दौलत का मोह कभी नहीं रहा, उनका मन हमेशा से अभिनय के लिए धड़कता था।

ओम प्रकाश शुरुआती दौर में रामलीला में भाग लिया करते थे। उन्होंने स्टेज पर सबसे पहला एक्ट रामलीला में ही किया था, जिसमें उनका किरदार ‘सीता’ का था। वर्ष 1937 में उन्होंने एक आरजे के रूप में ऑल इंडिया रेडियो ज्वॉइन किया, जहां उन्हें मासिक 25 रुपए सैलरी मिलती थी। उनका ये रेडियो शो लाहौर और पंजाब में काफ़ी पॉपुलर हुआ था। ओम ने अपने फिल्मी कॅरियर की शुरुआत साल 1942 में की थी।
इसके बाद वर्ष 1950 से 1980 तक उन्होंने सपोर्टिंग एक्टर के रूप में कई यादगार किरदार निभाए, जिसके लिए उन्हें कई अवॉर्ड्स भी मिले। ओम प्रकाश साल 1964 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘जहान आरा’ के प्रोड्यूसर भी रहे। उन्हें अपने कॅरियर की पहली फिल्म के लिए मात्र 80 रुपए तनख्वाह के रूप में मिले थे। वो उस दौर की एक साइलेंट फिल्म थी, जिसमें उन्होंने बहुत ही छोटा किरदार निभाया था।

विलेन के एक किरदार से मिली थी प्रसिद्धि
शुरुआती दिनों में चरित्र अभिनेता ओम प्रकाश को उतनी लोकप्रियता नहीं मिल पाई थी। लेकिन वर्ष 1949 में उन्होंने एक फिल्म में लखपति नाम के विलेन का किरदार निभाया था, जो कि सिनेमा प्रेमियों के बीच काफ़ी पॉपुलर हुआ। इसके अलावा ओम प्रकाश को क्लासिकल म्यूजिक का भी जबरदस्त शौक था।

वे अमिताभ बच्चन के साथ भी ‘शराबी’, ‘जंजीर’, ‘नमक हलाल’, ‘अलाप’, ‘परवाना’, ‘दो और दो पांच’, ‘चुपके-चुपके’ जैसी फिल्मों में नज़र आए थे। इसके अलावा ओम प्रकाश ने ‘चमेली की शादी’, ‘साधू और संत’, ‘तेरे घर के सामने’, ‘आंधी’, ‘लोफर’, ‘पड़ोसन’, ‘हावड़ा ब्रिज’, ‘घर-घर की कहानी’, ‘सास भी कभी बहू थी’, ‘मेरा नाम जोकर’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘नौकर बीवी का’ और ‘अमर प्रेम’ जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया।

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