Wednesday, November 3, 2021

सोहराब मोदी तलाक

तलाक ( 1938 ) 
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हिंदी फिल्मो में तलाक के मुद्दे को अपनी फिल्म में पहली बार उठाने वाला  " सोहराब मोदी ''
'तलाक़ 'के मुद्दे को हमारे फ़िल्मकार भी अपनी फ़िल्मों में दिखाते रहे हैं कुछ फ़िल्में तो तलाक़ पर ही पूरी तरह केन्द्रित रहीं लेकिन दिलचस्प बात यह है कि जिस फ़िल्मकार ने इसे सबसे पहले अपनी फ़िल्म में उठाया वह भी मोदी थे,अपने दौर के जाने-माने फ़िल्मकार सोहराब मोदी
सोहराब मोदी ने सन 1938 में ही 'तलाक़' नाम से फ़िल्म बना दी थी. सोहराब मोदी ने इस समस्या और इसके परिणामों को उजागर किया. यह फ़िल्म दर्शकों को काफ़ी पसंद आई और बॉक्स ऑफिस पर भी हिट साबित हुई.
हालांकि सोहराब मोदी की यह 'तलाक़' तीन तलाक़ पर यानी मुस्लिम पृष्ठभूमि पर नहीं थी. लेकिन फ़िल्म में तलाक़ और उस समय इससे जुड़े क़ानून के दांव पेच को दिखाया था.
यह फ़िल्म तलाक़ में महिलाओं के अधिकार की आवाज़ उठाकर महिला सशक्तीकरण के समर्थन में थी.
इसमें उस समय के मशहूर सितारे नसीम बानू, प्रेम अदीब, गजानन जागीरदार और नवीन याज्ञनिक मुख्य भूमिकाओं में थे. मोदी के विख्यात मिनर्वा मूवीटोन बैनर से बनी इस फ़िल्म की कहानी को आनंद कुमार और गजानन जागीरदार ने लिखा था.
भारत में ब्रिटिश शासन के दौर में बनी इस फ़िल्म की नायिका रूपा एक राजनेता निरंजन की पत्नी है. लेकिन अपने पति की कई बातों से परेशान होकर वो उससे तलाक़ लेना चाहती है. लेकिन निरंजन तलाक़ नहीं लेना चाहता.तब रूपा एक पत्रिका 'आँधी' के संपादक की मदद लेती है. वह तलाक़ के क़ानून में कुछ बदलाव दिलवाकर उसके पति से उसे आज़ाद करा देता है.
और रूपा एक अन्य व्यक्ति अमरनाथ से शादी कर लेती है. लेकिन बाद में अमरनाथ उसी क़ानून को माध्यम बनाकर रूपा से तलाक़ ले लेता है, जिस क़ानून के सहारे रूपा को अपने पहले पति से तलाक़ मिला था.
लेकिन यह सच है कि इस फ़िल्म को इतना अच्छा और यादगार बनाने का श्रेय सिर्फ़ सोहराब मोदी को जाता है.कहानी को उन्होंने जो शिखर दिया वो शायद कोई और फ़िल्मकार नहीं दे पाता आज जब देश की महिलाओं को तीन तलाक से आज़ादी मिलकर उन्हें अपनी ज़िंदगी इज्ज़त और अपने ढंग से जीने का क़ानूनी हक़ मिला है.तो हिंदी सिनेमा में रोबदार आवाज के धनी मिनर्वा मूवीटोन के शेर 'सोहराब मोदी का याद 'आना लाजिमी है  उनके बारे में कहा जाता है की अंधे भी उनकी आवाज़ के जादू से बंध कर उनकी फिल्मे देखने टाकीज़ आते थे

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