Thursday, November 11, 2021

माला सिन्हा 11 नवम्बर b

#सुप्रसिद्ध_अभिनेत्री__माला_सिन्हा__जी_को_जन्मदिन_की_हार्दिक_शुभकामनाये🎂🎂🎉🎉🎂🎂🎉🎉

माला सिन्हा (जन्म: 11 नवंबर 1936) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। वे नेपाली-भारतीय हैं तथा उन्होने हिन्दी के अलावा बंगला और नेपाली फिल्मों में भी काम किया है। वे अपनी प्रतिभा और सुन्दरता दोनों के लिये जानी जाती हैं। वे 1950 के दशक से आरम्भ करके 1970 के दशक तक हिन्दी फिल्मों की प्रमुख अभिनेत्री थीं। उन्होंने सौ से अधिक फिल्मों में कार्य किया है जिनमें से प्रमुख हैं- प्यासा (1957), धूल का फूल (1959), अनपढ़, दिल तेरा दीवाना (दोनों 1962 में), गुमराह, बहुरानी, गहरा दाग़ (तीनों 1963 में), हिमालय की गोद में (1965), आदि। उन्हें लगातार धर्मेन्द्र, राज कुमार, राजेन्द्र कुमार, बिस्वजीत, किशोर कुमार, मनोज कुमार और राजेश खन्ना के साथ फिल्मों में लिया गया।

माला सिन्हा
व्यवसाय
अभिनेत्री
बच्चे
प्रतिभा सिन्हा

व्यक्तिगत जीवन :-----
*************
माला सिन्हा का जन्म नेपाली मूल के परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम अल्बर्ट सिन्हा था और वह नेपाली ईसाई थे। बाद में, वयस्क अभिनेता के रूप में, उन्होंने अपना नाम बदल कर माला सिन्हा रख लिया।[1] माला सिन्हा ने 1966 में नेपाली अभिनेता चिदंबर प्रसाद लोहानी से शादी की। लोहानी का व्यवसाय था। अपनी शादी के बाद, वह फिल्मों के फिल्मांकन के लिए मुम्बई आती रहती थीं और उनके पति नेपाल में रहकर अपना व्यवसाय चलाते थे। शादी से उनकी एक बेटी है: प्रतिभा सिन्हा, जो बॉलीवुड की पूर्व अभिनेत्री हैं।[2]

करियर :------
******
1957 में, बॉलीवुड अभिनेता और निर्देशक गुरु दत्त ने अपनी फिल्म प्यासा (1957) में माला सिन्हा को लिया। इसके लिये पहले वह मधुबाला को लेना चाहते थे। प्यासा के बाद, उनकी प्रमुख सफलताओं में फिर सुबह होगी (1958) और यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी पहली फ़िल्म धूल का फूल, (1959) थी जिसने उन्हें एक लोकप्रिय सितारे में बदल दिया। वह 1958 से शुरुआती 60 के दशक में परवरिश (1958), उजाला, मैं नशे में हूँ, दुनिया ना माने, लव मैरिज (1959), बेवक़ूफ़ (1960), माया (1961), हरियाली और रास्ता, दिल तेरा दीवाना (1962), अनपढ़ और बम्बई का चोर (1962) और जैसी कई सफल फिल्मों का हिस्सा रहीं[3]।

अपनी सफल 1960 और 1970 के दशक की भूमिकाओं में, उन्हें राज कपूर, देव आनंद, किशोर कुमार और प्रदीप कुमार जैसे बड़ी उम्र के कलाकार और 1950 के दशक के उत्तरार्ध से उभरते हुए सितारे जैसे शम्मी कपूर, राजेन्द्र कुमार और राज कुमार के साथ लिया गया। उन्होंने अपने दौर के कई नए कलाकारों के साथ काम किया जिनमें मनोज कुमार, धर्मेन्द्र, राजेश खन्ना, सुनील दत्त, संजय ख़ान, जीतेन्द्र और अमिताभ बच्चन शामिल हैं।
संवर जाए हम बेकरारों की दुनिया....जो तुम मुस्कुरा दो

माला जी की होंठ ही नही, आँखे भी मुस्कुराती है, तभी तो प्यासे गुरुदत्त साहब कह उठते है...
हम आपकी की आँखों में इस दिल को बसा दें तो!

दीवाने देव साहब भी कहते है...
तुमसे नज़र जब गयी है मिल
जहाँ है कदम तेरे वहीं मेरा दिल  
झुके जहाँ पलकें तेरी
खुले जहाँ ज़ुल्फ़ें तेरी
रहूँ उसी मंज़िल में
तस्वीर तेरी दिल में जिस दिन से उतारी है...

मनोज साहब भी क्यों पीछे रहते, वो भी आहिस्ता से बोले...
चाँद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था...

चॉकलेटी हीरो विश्वजीत जी पास आने के बहाने ढूंढते है..
सताते न हम तो मनाते ही कैसे
तुम्हें अपने नज़दीक लाते ही कैसे...तुम्हारी नज़र क्यों खफ़ा हो गई

शम्मी जी भी जोर से पुकारते हैं...
झूमता मौसम मस्त महीना
चाँद सी गोरी एक हसीना
आँख में काजल मुँह पे पसीना
याल्लाह याल्लाह दिल ले गई...

राजेन्द्र जी भी मिन्नत करते हैं..
तेरे प्यार का आसरा चाहता हूं..

जितेंद्र जी भी शायरी अंदाज़ में कहते हैं...
हुस्न-ओ-जमाल आपका शीशे में देख कर
मदहोश हो चुका हूँ मैं जलवों की राह पर
ग़र हो सके तो होश में ला दो मेरे हुज़ूर
रुख से ज़रा नक़ाब हटा दो मेरे हुजूर...

प्रमेन्द्र जी भी अपने अंदाज में गुहार लगते है...
मेरी तमन्नाओं की तक़दीर तुम सँवार दो
प्यासी है ज़िंदगी और मुझे प्यार दो...

कितनों का नाम लूं, अनगिनत चाहने वाले है..बस इतना ही कहूँगा...
चाहत ने तेरी मुझ को कुछ इस तरह से घेरा,
दिन को हैं तेरे चर्चे, रातों को ख्वाब तेरा
तुम हो जहाँ वहीं पर, रहता है दिल भी मेरा 
बस एक ख़याल तेरा, क्या शाम क्या सवेरा
मुझे कितना प्यार है तुम से,
अपने ही दिल से पूछो तुम
जिसे दिल दिया है वो तुम हो,
मेरी ज़िन्दगी तुम्हारी है...

महान अभिनेत्री माला सिन्हा जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं🌹

No comments:

Post a Comment