Saturday, November 6, 2021

धुमाल


 *महान हास्य अभिनेता अनंत बलवंत धुमाल (1914-1987)* 
हिंदी सिने जगत के अच्छे हास्य अभिनेताओं की अगर सूची बनाई जाए तो  उसमें अनंत  बलवंत धुमाल का नाम अवश्य आएगा। पर दुर्भाग्य से आज उन्हें कई लोग भूल चुके हैं।
इनकी निजी जिंदगी अत्यंत प्रेरणादायी है। ये मुंबई के चेम्बूर इलाके में रहते थे। पिताजी  वकील थे। जब धुमाल साहब की आयु 10 वर्ष रही होगी तब इनके पिताजी का इंतकाल हो गया। पूरे परिवार की जिम्मेदारी इन पर आ गई। कुछ दिन तो इन्होंने घर-घर जाकर भिक्षा मांगी क्योंकि ये ब्राह्मण परिवार के थे इसलिए उस समय लोग ब्राह्मण को भिक्षा दे देते थे। बाद में ये एक ड्रामा कंपनी में बर्तन मांजने लगे। बर्तन मांजने के बाद  सभी रंगमंच के  कलाकारों के लिए भोजन परोसने का काम भी ये ही करते थे। पर किस्मत इनसे कुछ और कराना चाहती थी । एक दिन एक कलाकार नहीं आया तो उन्हें उस कलाकार का रोल दिया गया । धुमाल साहब ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और अपने शानदार अभिनय से सबको प्रभावित कर दिया। इसके बाद उन्हें रंगमंच में छोटे-मोटे रोल मिलने लगे।  धीरे-धीरे इनके अभिनय की ख्याति दूर-दूर तक पहुंच गई। ये रंगमंच पर खलनायक का रोल अदा करते थे। 
सबसे पहले इन्हें मराठी फिल्मों में काम मिला।  जहां पर इन्होंने बहुत प्रसिद्धि पाई। 

इनकी पहली हिंदी फिल्म 1953 की 'चाचा चौधरी' थी।  हिंदी फिल्मों में इन्होंने हास्य अभिनेता का शानदार अभिनय किया। *महमूद साहब, शुभा खोटे और इनकी तिकड़ी फिल्म के सुपरहिट होने की गारंटी थी।* 

प्रसिद्ध निर्देशक राज खोसला, शक्ति सामंत, अमिय चक्रवर्ती और बप्पी सोनी ने इनकी प्रतिभा का भरपूर उपयोग किया।

इन्होंने चयनित फिल्मों में ही काम किया। इनके बारे में एक किस्सा फिल्म जगत में चर्चित रहा था, वह यह था कि इन्होंने अपने घर पर टेलीफोन नहीं लगवाया था। इसके पीछे इनका तर्क यह था कि जिस प्रड्यूसर को मेरी जरूरत होगी वह मेरे से मेरे घर आकर संपर्क करेगा और इससे वही प्रोड्यूसर मेरे से संपर्क करेगा जिसे वाकई में ही मेरी जरूरत होगी।

असल जिंदगी में यह अत्यंत शांत रहते थे, परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत करना पसंद करते थे। फिल्मों की पार्टियों से दूरी बनाकर रखते थे।

 *वह कौन थी, ससुराल, आंखें, गुमनाम, आरजू, बम्बई का बाबू ,दो बदन, लव इन टोक्यो, कश्मीर की कली, हावड़ा ब्रिज इन प्रसिद्ध फिल्मों के माध्यम से धुमाल साहब आज भी अपने अभिनय के माध्यम से हम सबके बीच जिंदा है।* 

 *मेरे द्वारा बनाया उनका पोर्ट्रेट इस महान अभिनेता को सादर समर्पित है* 🙏🏻

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