अजरा..!. भुली बिसरी फिल्म तारिका..!
सन 1957 में रिलीज हुई महबुब खान की यादगार फिल्म mother India में पहली बार फिल्मी परदे पर दिखाई दी थी. बिरजू यानी सुनिल दत की प़ेयसी के रूप में.. गाँव के मास्टर की बेटी.. जिसके पास बिरजू अ. आ.. इ ई.. उ.. सिखने को जाता हे..! फिल्म के एक सीन में वह बिरजू के पास आती हे.. ओर हौले से बिरजू के पास बैठ कर धीरे धीरे से बात करती हे..! उस वक्त की अजरा की नजाकत..!! उफ..! कया बात हे..!!
कभी कभी मुझे एसा लगता हे अभीनेत्री तबु शायद अजरा के बोलने के अंदाज की नकल करती हे..!!
दिलीपकुमार की यादगार फिल्म गंगा जमुना 1961..
जमुना यानि नासिर खान की प़ेयसी कमला के रूप में भी हमने अजरा को देखा हे..
फिल्म love in Simla 1960 में जोय मुखर्जी हिरो साधना हिरोइन.. और अजरा साईड हिरोइन थी...! वह गाना गाल गुलाबी किसके हे. नैन शराबी किसके हे के वक्त अजरा की जलन याद कीजिये...!
शम्मीकपुर की फिल्म जंगली 1961 का या या या करुं में कया सुकु सुकु... गाने पर डान्स हेलन और शम्मीकपुर करते हे.. यहां पर भी अजरा के हिस्से में तो शम्मीकपुर की बदतमीजी सहना और चहरे पर जलन और गुस्से के भाव प़दर्शित करना ही आता हे..! फिल्म जंगली में अजरा ने नकली राज् कुमारी का रोल किया हे...
मेरे खयालसे अजरा ने जयादा फिल्में नहीं की हे..
करिबन 25 फिल्मों में अजरा दिखाई दी होगी.. लेकिन उसे mother India या गंगा जमुना जैसे रोल फिर कभी न मिले..!
अजरा को हिरोइन के रोल मीले भी तो बी. या सी. ग़ेड की फिल्मों में ....लेकिन उसे जयादातर तो साईड हिरोइन या केरेक्टर रोल ही मिले.. फिल्म घर घर की बात 1959 में अजरा का अच्छा रोल था..फिल्म के हिरो शायद सुरेश था..1957 से 1974 तक अजरा ने फिल्मों में छोटे मोटे रोल किये... शायद अजरा को आखरी बार सन 1974 की धरमेन्द़ सायरा बानू की फिल्म पोकेट मार में देखा था.
अजरा का फेमीली बेक ग़ाउंड भी कीसी फिल्मी कहानी से कम नहीं हे...
नानुभाई वकील बलसार गुजरात के रहने वाले थे. उनहोंने सन 1928 से 1964 क ई सायलंट और बोलती हिन्दी गुजराती और तमील फिल्में बनाई और डायरेक्ट भी की.. नानुभाई वकील ने सन 1932 में पहली बोलती गुजराती फिल्म नरसिंह मेहता बनाईं थी ईस फिल्म में उस समय की बड़ी स्टार मेहताब भी थी..
नानुभाई वकील ने अनुराधा वकील से शादी की थी..
और वह नानुभाई वकील की लीगल वाइफ थी उसे नानुभाई वकील से आधा दर्जन बच्चे थे..
एक ओर गुजराती फिल्म निर्माता निर्देशक थे.. रमणीक लाल शाह. उनहोंने भी फिल्मों के शुरुआत के दौर से ही कई फिल्में बनाई..
उस समय की बहुत बड़ी स्टार ईन्दुरानी (यानि ईसरत जहाँन) जो मुस्लिम थी ..जब वह सिर्फ 17 साल की थी तब उसने रमणीक लाल से गुप्त विवाह कर लिया था...!
ईन्दुरानी ने चश्मे वाली 1939 मीड नाईट मेल 1939 बुल बुलेट बगदाद 1941 जैसी उस समय की सफल फिल्मों में काम किया था. सभी फिल्में उनके पति रमणीक लाल शाह ने बनाई थी.
ईन्दुरानी यानि ईसरत जहाँन की एक बहेन थी जिसका नाम था सरोजीनी. वह भी अपनी बड़ी बहेन ईन्दुरानी यानि ईसरत जहाँन की तरह फिल्मों में काम करना चाहती थी. लेकिन सरोजीनी के पिताजी नहीं चाहते थे की वह फिल्मों में काम करे...... लेकिन हुआ कया.. ईन्दुरानी और सरोजीनी के पिता जुआरी थे उसे पैसे की जरूरत रहेती थी तो दोनों बहनों ने जब वह 12 .. 13 साल की उम्र में ही फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया..!
ईन्दुरानी और सरोजीनी दोनों बहनों ने फिल्म जादुई कंगन 1940 हातीमताई की बेटी 1940 ताज महल 1941 मे साथ मे अभिनय भी किया था...
फिल्म ताजमहल के हिरो कुमार थे फिल्म में मुबारक भी थे. सरोजीनी ने फिल्म ताज महल में एक गाना भी गाया था.. हुश्न ने या ईश्क ने..... सन 1945 में आई फिल्म सन ओफ हातीमताई मे भी सरोजीनी ने काम किया था..
समय होते हुए फिल्म निर्माता निर्देशक नानुभाई वकील के सरोजीनी के साथ सबंध खास हुए.. उनकी एक बेटी हुई. .. वह है हमारे आज के आर्टिकल की नायिका अजरा...!
इस तरह पुराने जमाने की तारिका ईन्दुरानी अजरा की मौसी है
नानुभाई वकील ने सन 1929 से 1964 तक कई फिल्में बनाई. वोह जयादातर स्टंट फिल्में बनाते थे..सन 2000 के दशक की कांती शाह की फिल्मों की तरह नानुभाई वकील की फिल्मों की भी कोई अहमियत नहीं होती थी.. !!
अजरा के वर्तमान निजी जिवन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं हे.. लेकिन सुना हे अजरा ने सन 1971 में लोखंडवाला नाम के सज्जन से शादी की हे और अपना नाम फरहाना लोखंडवाला रखा है।
No comments:
Post a Comment